चौथे दौर से बदली फिजा

Publsihed: 11.Mar.2022, 06:54

अजय सेतिया / अखिलेश यादव पूरी तरह आश्वस्त हैं कि यूपी का जनादेश उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाएगा | उतने ही आशान्वित योगी आदित्यानाथ और भारतीय जनता पार्टी है | लेकिन सच यह है कि भारतीय जनता पार्टी को पहले,  दूसरे और तीसरे दौर के चुनाव में अच्छा खासा डेमेज हुआ है | उस की भरपाई बाद के चार दौरों में नहीं हो सकती | इस चुनाव की खासियत यह रही कि मुस्लिम वोटों का अखिलेश यादव के पक्ष में एकतरफा ध्रुविकरण हुआ , लेकिन हिन्दू वोटों का जैसा ध्रुवीकरण 2017 में था , वैसा नहीं हो पाया | भाजपा को दूसरा नुक्सान यह हुआ कि उसके गैर यादव पिछड़ों के वोट बैंक में भी अखिलेश यादव ने सेंध लगाई | तीसरा नुक्सान यह हुआ कि 2017 में जो जाट वोट एकतरफा उस के साथ था , उसमें भी किसान आन्दोलन के कारण अखिलेश यादव की सेंध लगी | चौथा सब से बड़ा नुक्सान यह हुआ कि अखिलेश यादव लगभग दो-तिहाई सीटों पर आमने सामने का मुकाबला बनाने में कामयाब रहे | यह हैरानी है कि हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण के लिए भाजपा रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण को उस तरह नहीं भुना पाई , जैसे वह पहले भुनाया करती थी |

 

इस सब के बावजूद भाजपा की सरकार बने रहने की ही संभावना ज्यादा है , भले ही पहले बताए गए कारणों की वजह से उस की सीटों में अच्छी खासी कटौती होगी | भाजपा की सरकार ही दुबारा बनने की दो तीन बड़ी वजहें हैं | पहली वजह यह है कि मायावती और अखिलेश यादव की तरह योगी पर ठाकुरवाद का आरोप चस्पा नहीं हो सका | लव जिहाद के खिलाफ योगी के डंडे ने अपर कास्ट को पूरी तरह भाजपा के साथ जोड़े रखा | दूसरी सबसे बड़ी वजह यह रही कि योगी आदित्यनाथ ने पिछले 15 सालों में सब से बेहतर प्रशासन देने की छवि बनाई , जो आम नागरिक को आखिर तक आकर्षित करती रही | चुनावों से पहले योगी ने टीवी चेनलों और अखबारों में जो विज्ञापन दिए थे , उस में भूमाफियाओं के खिलाफ चलाए गए बुलडोजर भी दिखाए जाते थे | चुनावों में क्योंकि जातिवाद हावी हो गया था , इसलिए यह मुद्दा छिप गया था | अखिलेश यादव ने खुद यह मुद्दा उठा कर भाजपा का काम आसान कर दिया | अखिलेश यादव ने उन्हें बुलडोजर बाबा कह कर उन पर तंज कसा था | तभी से बुलडोजर उन पर उलटा चल गया | योगी ने मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही एंटी-भू माफिया टास्क फोर्स का गठन किया | टास्क फोर्स ने अवैध रूप से हथियाई गई 64000 हेक्टेयर भूमि को खाली करवाया और 2000 अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का खूब इस्तेमाल किया गया था |

 

बुलडोजर ने भूमाफियाओं के खिलाफ योगी की छवि एक सख्त प्रशासक की बनाई थी | उसे अखिलेश यादव ने खुद याद दिला दिया | तब से योगी ने बुलडोजर को चुनावी मुद्दे के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया | भाजपा की पब्लिक मीटिंगों में बुलडोजर खड़े किए गए  , बैनर पर भी कमल चुनाव निशान की जगह बुलडोजर के फोटो लगाए गए | योगी अपने हर इंटरव्यू में, हर सभा में, डोर-टू-डोर कैंपेन में इसकी चर्चा जरूर करते हैं | उन्हें बाबा से ज्यादा अखिलेश यादव का दिया नाम बुलडोजर बाबा कहलाना पसंद आ रहा है | अब जब छठवें चरण के मतदान में 2 दिन बचे थे अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने एक और गलती कर दी , उन्होंने भगवे की तुलना जंग लगे लोहे से कर दी | डिंपल यादव ने कहा कि यह जो डबल इंजन की सरकार है, उस के ईंजन को जंग लग गया है और जंग का रंग वही होता है , जिस रंग के कपड़े मुख्यमंत्री पहनते हैं | योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे को भी सही से पकड़ा और पलटवार करते हुए कहा कि यह हिन्दुओं, सनातन धर्म और संत समाज का अपमान है | पहले तो उन्होंने ट्विट कर के कहा कि हां मैं भगवाधारी हूं | बाद में योगी ने हर रैली में “हम भी भगवाधारी हैं और मैं भी भगवाधारी हूं “ का नारा लगवाना शुरू कर दिया | अब तक जो हिन्दू ध्रुविकरण नहीं हुआ था , वह पांचवे दौर के चुनाव के बाद दिखने लगा है | अखिलेश और डिंपल की खुद की बचकानी टिप्पणियों ने आखिर के तीन दौर में भाजपा को हमलावर बना कर अपना वोट बैंक संभालने में मदद की |

 

 

 

 

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